Father’s Day Special – Emotional Hindi Story
भाग 1: एक अधूरा कमरा
सुबह का वक्त था। खिड़की से आती रोशनी कमरे के उस कोने पर पड़ रही थी जहाँ एक जोड़ी पुरानी चप्पलें पड़ी थीं। धूल से ढकी हुई, लेकिन अब भी वैसी ही, जैसी पापा पहना करते थे।
मैं—अर्जुन, 27 साल का एक साधारण लड़का, एक साधारण जीवन जी रहा हूँ। पर मेरे जीवन में एक कमी हमेशा रहेगी — मेरे पापा।
पापा को गए हुए तीन साल हो चुके हैं, लेकिन लगता है जैसे अभी कल ही तो वो कमरे में आए थे, मेरे सिर पर हाथ रखा था और कहा था, "अर्जुन बेटा, जो भी कर, पूरी ईमानदारी से कर। मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।"
भाग 2: आखिरी मुलाकात
पापा का जाना अचानक हुआ। ना कोई बीमारी, ना कोई चेतावनी। एक दिन ऑफिस से लौटते वक्त हार्ट अटैक आया और सब कुछ बदल गया। वो दिन मेरी ज़िंदगी का सबसे काला दिन था।
मैं हॉस्पिटल की गलियों में नंगे पाँव भाग रहा था। दिल में एक ही ख्याल – काश एक बार और मिल जाते। काश मैं उन्हें 'पापा' कहकर गले लगा पाता।
लेकिन किस्मत ने वो मौका नहीं दिया।
भाग 3: हर शुभ कार्य में उनकी याद
पापा के बिना ज़िंदगी एक अधूरी किताब सी हो गई है। जब मेरी पहली नौकरी लगी, मैं फूट-फूट कर रोया। जॉइनिंग लेटर को देखकर पापा का चेहरा याद आ गया।
उनकी आँखों में जो सपना था, वो मेरे कामयाब होने से जुड़ा था। पर जब मैं सफल हुआ, वो सामने नहीं थे।
माँ ने चुपचाप पापा की तस्वीर के सामने दीपक जलाया और कहा, "देखो, तुम्हारा बेटा अब ऑफिस जाएगा।"
मेरी शादी के वक्त जब जयमाला का समय आया, और सभी पिताओं ने अपनी बेटियों का हाथ पकड़कर मंच तक पहुँचाया, मेरी आँखें पापा को ढूँढ रही थीं।
मैंने माँ से कहा, "माँ, आज पापा होते तो कितना खुश होते।"
माँ चुप रहीं, और मेरी जेब में चुपचाप पापा की चप्पलें की एक फोटो डाल दी।
शायद वो जानती थीं, मैं पापा को हर जगह अपने साथ महसूस करता हूँ।
भाग 4: जब भी दुःख आता है
हर बार जब कोई मुश्किल आती है, पापा की आवाज़ कानों में गूंजती है —
"डर मत बेटा, तू मेरा बेटा है। हार मानना तुझे शोभा नहीं देता।"
उनकी यही बातें आज भी मुझे मजबूत बनाती हैं।
जब नौकरी में परेशानी होती है, किसी रिश्ते में दरार आती है, या दिल उदास होता है —
मैं उनके कमरे में जाकर उनकी चप्पलें देखता हूँ।
वो चप्पलें, जो अब ना पहनने वाला कोई है, पर उनका स्पर्श अब भी वहाँ बाकी है।
भाग 5: वो एक चिट्ठी
एक दिन माँ ने मेरे हाथ में एक चिट्ठी थमा दी — पापा ने मेरी शादी के लिए पहले ही एक पत्र लिखा था।
उसमें लिखा था:
"अगर मैं इस दुनिया में नहीं रहा, तो भी अर्जुन को बता देना कि मैं हमेशा उसके साथ हूँ। उसकी हर सफलता पर मैं गर्व महसूस करूँगा और हर कठिनाई में उसकी पीठ थपथपाने वाला साया बनकर साथ रहूँगा।"
मैं वह चिट्ठी लेकर उनके फोटो के सामने बैठ गया, और घंटों रोता रहा।
भाग 6: आज का दिन – Father's Day
आज Father’s Day है। सोशल मीडिया पर सब लोग अपने पापा के साथ फोटो पोस्ट कर रहे हैं, किसी ने कविता लिखी है, किसी ने वीडियो बनाया है।
और मैं... मैं बस उनकी पुरानी चप्पलों को हाथ में लेकर बैठा हूँ।
उनकी खुशबू अब भी उनमें है — पसीने और मेहनत की एक सोंधी सी खुशबू।
मेरे लिए Father's Day का मतलब है – उनकी याद में एक दीप जलाना, और वादा करना कि मैं उनके बताए रास्ते पर चलूँगा।
भाग 7: अंतिम पंक्तियाँ
पापा,
आप नहीं हो, पर हर साँस में हो।
हर सफलता में हो, हर आंसू में हो।
आपका नाम मेरे नाम के आगे नहीं लगता, पर मेरी पहचान आपसे ही है।
आपकी तस्वीर नहीं, आपकी यादें मेरे साथ चलती हैं।
मैं जानता हूँ, आप आसमान से मुझे देख रहे हो।
जब भी कोई शुभ कार्य करता हूँ, तो सबसे पहले आपका आशीर्वाद मांगता हूँ।
जब दुख आता है, तो आपको याद करके फिर खड़ा हो जाता हूँ।
आपकी वो पुरानी चप्पलें आज भी मेरे कमरे में हैं – और मेरे दिल में आप।



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