मन और मकान को वक्त वक्त पर साफ करते रहो अक्सर मकान में बेमतलब का समान और मन में बेमतलब की गलतफहमियां हो ही जाती हे मन भर के जियो मन में भर के मत जियो खुश रहना है तो अपनी जिंदगी के फैसले अपनी स्थिती और परिस्थिति को देखकर लें। दुनिया को देखकर जो फैस
ले लेते हैं वो अक्सर दुखी ही रहते है
ले लेते हैं वो अक्सर दुखी ही रहते है
चतुर युग चल रहा है साहिब इसलिए यह विचार छोड़ दिजिए की बिना स्वार्थ के लोग आपसे रिश्ता बनाए रखेंगे.।
दौलत से सिर्फ सुविधायें मिलती हैं सुख नहीं सुख मिल ता है आपस के प्यार से और अपनों के साथ से अगर सिर्फ सुविधाओं से सुःख मिलता तो धनवान लोगों को कभी दुःख न होता सत्य परेशान जरूर हो सकता है लेकिन पराजित नही किया जा सकता अगर किसी परिस्थिति के लिए आप के पास सही शब्द नहीं है तो सिर्फ मुस्कुरा दीजिये शब्द उलझा सकते है पर बिना शिकायत और बिना निंदा के एक दिन बिता कर तो देखिये,खुशी और शांति कहीं ढूंढनी नहीं पड़ेगी विचारों का स्तर हमारी संगत पर निर्भर करता है हमारी संगति जितनी अच्छी होगी हम उतने ही अच्छे विचारों के धनी होंगे।



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